भारत में कृषि क्षेत्र तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। जहां एक ओर आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर भी किसानों का रुझान बढ़ रहा है। इसी कड़ी में हाल ही में MIONP (Mission India Organic & Natural Prosperity) पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य 2047 तक भारत को पूर्ण जैविक राष्ट्र बनाना था।
इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कृषि विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, उद्यमी और किसान शामिल हुए और जैविक खेती, टिकाऊ कृषि और डिजिटल तकनीकों के महत्व पर चर्चा की। उनका मानना है कि अगर सही दिशा में काम किया जाए, तो भारत आने वाले 23 वर्षों में पूरी तरह जैविक और प्राकृतिक खेती अपनाने वाला देश बन सकता है।
भारत को जैविक राष्ट्र बनाने का लक्ष्य: क्यों है यह जरूरी?
2047 तक भारत को 100% जैविक और प्राकृतिक कृषि पर आधारित राष्ट्र बनाना एक बड़ा सपना है, लेकिन यह असंभव नहीं है। यह पहल सिर्फ खेती के तरीके बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों की आय बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यावरण को बचाने से भी जुड़ी हुई है।
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मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना:
- रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है।
- जैविक खेती से मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता बनी रहती है, जिससे उत्पादन लंबे समय तक अच्छा होता है।
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स्वस्थ भोजन सुनिश्चित करना:
- जैविक फसलों में कोई हानिकारक रसायन नहीं होते, जिससे लोगों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन मिलता है।
- कैंसर, हृदय रोग और अन्य बीमारियों की संभावना कम होती है।
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किसानों की आय बढ़ाना:
- जैविक उत्पादों की बाजार में अधिक मांग है और इनकी कीमत भी पारंपरिक फसलों से अधिक होती है।
- किसानों को सीधा फायदा होता है और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
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पर्यावरण संरक्षण:
- जैविक खेती से जल संरक्षण, जैव विविधता की रक्षा और मिट्टी का कटाव रोकने में मदद मिलती है।
- कार्बन फुटप्रिंट कम होता है और जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सम्मेलन में किन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई?
इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने भारत को 2047 तक पूर्ण जैविक बनाने के लिए कई रणनीतियों पर चर्चा की। इन रणनीतियों में जैविक खेती के विस्तार, किसानों को सशक्त बनाने और डिजिटल तकनीकों के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया।
1) जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाएं
सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें शामिल हैं:
- परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY): जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए।
- राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NMSOF): जैविक उत्पादों की बाजार उपलब्धता बढ़ाने के लिए।
- FAO और ICAR की साझेदारी: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) मिलकर किसानों को नई तकनीक और संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं।
2) डिजिटल तकनीकों और स्मार्ट फार्मिंग की भूमिका
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को जैविक खेती में आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग करना जरूरी है।
- ड्रोन और सेंसर तकनीक: खेतों की स्थिति को ट्रैक करने और जैविक उर्वरकों का सही उपयोग सुनिश्चित करने में मदद करता है।
- मोबाइल ऐप्स और ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म: किसानों को जैविक उत्पादों के लिए सही बाजार उपलब्ध कराने में सहायक।
- स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम: जल की बचत करने और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए।
3) किसानों को सशक्त बनाने की जरूरत
भारत को जैविक खेती में अग्रणी बनाने के लिए किसानों को सही प्रशिक्षण, संसाधन और वित्तीय सहायता देना बहुत जरूरी है।
- जैविक खेती की ट्रेनिंग: किसानों को आधुनिक जैविक तरीकों, खाद निर्माण और प्राकृतिक कीटनाशकों के उपयोग पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
- सब्सिडी और वित्तीय सहायता: जैविक किसानों को कम ब्याज पर लोन और सरकार की सब्सिडी योजनाओं का लाभ दिया जाना चाहिए।
- किसान उत्पादक संगठन (FPOs): जैविक उत्पादकों को संगठित करने और उन्हें मार्केटिंग में मदद करने के लिए।
2047 तक भारत को जैविक बनाने के लिए क्या चुनौतियां हैं?
हालांकि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की जा रही हैं, लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं:
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जैविक खेती की उच्च लागत:
- जैविक खेती की शुरुआती लागत पारंपरिक खेती से ज्यादा होती है, जिससे छोटे किसान इसे अपनाने से कतराते हैं।
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बाजार की अनिश्चितता:
- किसानों को अपने जैविक उत्पादों के लिए सही खरीदार और उचित मूल्य नहीं मिल पाता।
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प्रमाणीकरण प्रक्रिया लंबी और महंगी:
- जैविक उत्पादों के लिए प्रमाणपत्र प्राप्त करना जटिल और महंगा हो सकता है।
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जानकारी और जागरूकता की कमी:
- अभी भी कई किसान जैविक खेती के फायदों और तकनीकों के बारे में अनजान हैं।
2047 तक जैविक भारत का सपना कैसे पूरा होगा?
अगर सही योजनाओं और नीतियों को अमल में लाया जाए, तो 2047 तक भारत को पूर्ण जैविक राष्ट्र बनाना संभव है। इसके लिए:
- सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना होगा।
- किसानों को उचित प्रशिक्षण, सब्सिडी और बाजार उपलब्ध कराना होगा।
- जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करना होगा।
- शहरों में जैविक उत्पादों की मांग को देखते हुए सप्लाई चेन को मजबूत करना होगा।
निष्कर्ष
MIONP (Mission India Organic & Natural Prosperity) के तहत आयोजित इस सम्मेलन ने यह स्पष्ट कर दिया कि 2047 तक भारत को पूरी तरह जैविक और प्राकृतिक कृषि पर आधारित राष्ट्र बनाने की दिशा में कई कदम उठाने होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सही योजनाओं को लागू किया जाए और किसानों को सशक्त बनाया जाए, तो यह सपना हकीकत बन सकता है।
अब समय आ गया है कि किसान, सरकार, उद्यमी और उपभोक्ता सभी मिलकर जैविक खेती को अपनाने| और पढ़े