गोंडा जिले के किसान अशोक कुमार मौर्य ने पारंपरिक खेती को छोड़कर टमाटर की खेती में हाथ आजमाया और आज वे सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। अशोक ने नामधारी NS 524 वैरायटी को अपनाकर न केवल अपनी आमदनी बढ़ाई बल्कि आसपास के किसानों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि टमाटर की नामधारी NS 524 वैरायटी क्यों खास है, इसकी खेती में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और कैसे यह किस्म किसानों को अधिक मुनाफा दिला सकती है।
पारंपरिक खेती छोड़ टमाटर की खेती में सफलता
अशोक कुमार मौर्य पहले पारंपरिक खेती जैसे गेहूं, धान और मक्का की खेती करते थे। लेकिन इन फसलों से उन्हें मनचाही आमदनी नहीं मिल पा रही थी। बढ़ती लागत और कम मुनाफे ने उन्हें नई फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया। अशोक ने कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से परामर्श लिया और टमाटर की आधुनिक किस्मों के बारे में जानकारी हासिल की।
नामधारी NS 524 वैरायटी की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने टमाटर की खेती शुरू की। इस किस्म की अच्छी उपज और बाजार में मांग ने उन्हें कम समय में अधिक मुनाफा दिलाया।
नामधारी NS 524 वैरायटी की खासियतें
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उच्च उत्पादन क्षमता
नामधारी NS 524 वैरायटी की पैदावार बहुत अच्छी होती है। यह किस्म जल्दी पकने वाली और लंबे समय तक टिकने वाली होती है, जिससे किसान बाजार में अच्छी कीमत पर इसे बेच सकते हैं। -
बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता
यह किस्म रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बेहतरीन साबित होती है। इसमें टोमैटो लीफ कर्ल वायरस (TYLCV) और बैक्टीरियल विल्ट जैसी सामान्य बीमारियों का असर कम होता है।
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जलवायु के अनुकूल
नामधारी NS 524 वैरायटी समशीतोष्ण और गर्म जलवायु में भी बेहतर प्रदर्शन करती है। यह किस्म कम पानी में भी अच्छी उपज देती है, जिससे किसानों को सिंचाई में ज्यादा लागत नहीं आती।
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बेहतरीन स्वाद और गुणवत्ता
इस किस्म के टमाटर का आकार गोल और लाल रंग का होता है। यह स्वाद में मीठे और हल्की खटास वाली गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, जिससे इसकी बाजार में अच्छी मांग बनी रहती है।
अशोक कुमार ने कैसे शुरू की टमाटर की खेती
अशोक कुमार ने दो एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती की शुरुआत की। उन्होंने प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में इजाफा हुआ।
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बीज का चयन
अशोक ने नामधारी NS 524 के प्रमाणित बीजों का चयन किया और सही समय पर उनकी बुवाई की।
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सही समय पर बुवाई
उन्होंने अक्टूबर के पहले सप्ताह में बुवाई की ताकि दिसंबर-जनवरी तक फसल तैयार हो सके।
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उर्वरक और पोषण प्रबंधन
फसल को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की सही मात्रा में आपूर्ति की गई, जिससे टमाटर के पौधों की वृद्धि और दानों की गुणवत्ता बेहतर बनी।
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सिंचाई का सही प्रबंधन
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम अपनाने से पानी की बचत के साथ पौधों को आवश्यक नमी मिलती रही।
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कीट और रोग नियंत्रण
नियमित रूप से जैविक कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का छिड़काव किया गया ताकि फसल में किसी भी तरह की बीमारी का प्रकोप न हो।
नामधारी NS 524 से अशोक को कैसे मिला मुनाफा
अशोक कुमार को नामधारी NS 524 वैरायटी से उम्मीद से ज्यादा मुनाफा मिला।
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उत्पादन की मात्रा
दो एकड़ जमीन पर उन्हें लगभग 600 क्विंटल तक टमाटर की उपज मिली।
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मुनाफा और बाजार की मांग
स्थानीय मंडियों में टमाटर की अच्छी मांग होने के कारण उन्हें प्रति किलो 15 से 20 रुपये का भाव मिला। इस तरह अशोक को एक सीजन में 9 से 12 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा हुआ।
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फूल आते ही खरीददार तैयार
नामधारी NS 524 की फसल में जब फूल लगते हैं तभी से खरीददार तैयार हो जाते हैं। इसकी बेहतरीन गुणवत्ता और स्वाद की वजह से बाजार में इसकी डिमांड काफी ज्यादा होती है।
टमाटर की खेती में अपनाई गई आधुनिक तकनीकें
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प्लास्टिक मल्चिंग
प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग करके मिट्टी में नमी बनाए रखी गई और खरपतवार का नियंत्रण किया गया।
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ड्रिप इरिगेशन
ड्रिप सिंचाई पद्धति से पौधों को आवश्यक मात्रा में पानी मिला और सिंचाई लागत भी कम हुई।
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ट्रेलिसिंग सिस्टम
टमाटर के पौधों को सहारा देने के लिए ट्रेलिसिंग तकनीक अपनाई गई जिससे पौधों को उचित हवा और धूप मिल सकी और उत्पादन बेहतर हुआ।
टमाटर की खेती में ध्यान देने योग्य बातें
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सही बीज का चयन
हमेशा प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें।
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सही समय पर बुवाई
स्थानीय जलवायु के अनुसार बुवाई का सही समय चुनें ताकि फसल का अधिकतम उत्पादन हो सके।
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उर्वरक और पोषण प्रबंधन
फसल को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्वों की सही मात्रा में आपूर्ति करें।
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कीट और रोग नियंत्रण
नियमित रूप से जैविक कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का छिड़काव करें ताकि फसल सुरक्षित रहे।
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सिंचाई का सही प्रबंधन
पानी की जरूरत के अनुसार ड्रिप इरिगेशन अपनाएं और पानी की बचत करें।
नामधारी NS 524 वैरायटी के फायदे
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जल्दी पकने वाली किस्म
यह किस्म 70-75 दिन में फसल तैयार कर देती है।
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बेहतर गुणवत्ता
लाल रंग, गोल आकार और बेहतरीन स्वाद के कारण इसकी बाजार में अच्छी मांग होती है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता
यह किस्म टोमैटो लीफ कर्ल वायरस और बैक्टीरियल विल्ट जैसी बीमारियों से सुरक्षित रहती है।
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कम लागत में ज्यादा मुनाफा
कम लागत में उच्च उत्पादन होने से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है।
गोंडा जिले के किसान अशोक कुमार मौर्य ने पारंपरिक खेती को छोड़कर टमाटर की खेती में हाथ आजमाया और आज वे सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। अशोक ने नामधारी NS 524 वैरायटी को अपनाकर न केवल अपनी आमदनी बढ़ाई बल्कि आसपास के किसानों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं।इस लेख में हम आपको बताएंगे कि टमाटर की नामधारी NS 524 वैरायटी क्यों खास है, इसकी खेती में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और कैसे यह किस्म किसानों को अधिक मुनाफा दिला सकती है।पारंपरिक खेती छोड़ टमाटर की खेती में सफलताअशोक कुमार मौर्य पहले पारंपरिक खेती जैसे गेहूं, धान और मक्का की खेती करते थे। लेकिन इन फसलों से उन्हें मनचाही आमदनी नहीं मिल पा रही थी। बढ़ती लागत और कम मुनाफे ने उन्हें नई फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया। अशोक ने कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से परामर्श लिया और टमाटर की आधुनिक किस्मों के बारे में जानकारी हासिल की।नामधारी NS 524 वैरायटी की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने टमाटर की खेती शुरू की। इस किस्म की अच्छी उपज और बाजार में मांग ने उन्हें कम समय में अधिक मुनाफा दिलाया।नामधारी NS 524 वैरायटी की खासियतेंउच्च उत्पादन क्षमता
नामधारी NS 524 वैरायटी की पैदावार बहुत अच्छी होती है। यह किस्म जल्दी पकने वाली और लंबे समय तक टिकने वाली होती है, जिससे किसान बाजार में अच्छी कीमत पर इसे बेच सकते हैं।बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता
यह किस्म रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बेहतरीन साबित होती है। इसमें टोमैटो लीफ कर्ल वायरस (TYLCV) और बैक्टीरियल विल्ट जैसी सामान्य बीमारियों का असर कम होता है।
जलवायु के अनुकूल
नामधारी NS 524 वैरायटी समशीतोष्ण और गर्म जलवायु में भी बेहतर प्रदर्शन करती है। यह किस्म कम पानी में भी अच्छी उपज देती है, जिससे किसानों को सिंचाई में ज्यादा लागत नहीं आती।
बेहतरीन स्वाद और गुणवत्ता
इस किस्म के टमाटर का आकार गोल और लाल रंग का होता है। यह स्वाद में मीठे और हल्की खटास वाली गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, जिससे इसकी बाजार में अच्छी मांग बनी रहती है।अशोक कुमार ने कैसे शुरू की टमाटर की खेतीअशोक कुमार ने दो एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती की शुरुआत की। उन्होंने प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में इजाफा हुआ।बीज का चयन
अशोक ने नामधारी NS 524 के प्रमाणित बीजों का चयन किया और सही समय पर उनकी बुवाई की।
सही समय पर बुवाई
उन्होंने अक्टूबर के पहले सप्ताह में बुवाई की ताकि दिसंबर-जनवरी तक फसल तैयार हो सके।
उर्वरक और पोषण प्रबंधन
फसल को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की सही मात्रा में आपूर्ति की गई, जिससे टमाटर के पौधों की वृद्धि और दानों की गुणवत्ता बेहतर बनी।
सिंचाई का सही प्रबंधन
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम अपनाने से पानी की बचत के साथ पौधों को आवश्यक नमी मिलती रही।
कीट और रोग नियंत्रण
नियमित रूप से जैविक कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का छिड़काव किया गया ताकि फसल में किसी भी तरह की बीमारी का प्रकोप न हो।नामधारी NS 524 से अशोक को कैसे मिला मुनाफाअशोक कुमार को नामधारी NS 524 वैरायटी से उम्मीद से ज्यादा मुनाफा मिला।उत्पादन की मात्रा
दो एकड़ जमीन पर उन्हें लगभग 600 क्विंटल तक टमाटर की उपज मिली।
मुनाफा और बाजार की मांग
स्थानीय मंडियों में टमाटर की अच्छी मांग होने के कारण उन्हें प्रति किलो 15 से 20 रुपये का भाव मिला। इस तरह अशोक को एक सीजन में 9 से 12 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा हुआ।
फूल आते ही खरीददार तैयार
नामधारी NS 524 की फसल में जब फूल लगते हैं तभी से खरीददार तैयार हो जाते हैं। इसकी बेहतरीन गुणवत्ता और स्वाद की वजह से बाजार में इसकी डिमांड काफी ज्यादा होती है।टमाटर की खेती में अपनाई गई आधुनिक तकनीकेंप्लास्टिक मल्चिंग
प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग करके मिट्टी में नमी बनाए रखी गई और खरपतवार का नियंत्रण किया गया।
ड्रिप इरिगेशन
ड्रिप सिंचाई पद्धति से पौधों को आवश्यक मात्रा में पानी मिला और सिंचाई लागत भी कम हुई।
ट्रेलिसिंग सिस्टम
टमाटर के पौधों को सहारा देने के लिए ट्रेलिसिंग तकनीक अपनाई गई जिससे पौधों को उचित हवा और धूप मिल सकी और उत्पादन बेहतर हुआ।टमाटर की खेती में ध्यान देने योग्य बातेंसही बीज का चयन
हमेशा प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें।
सही समय पर बुवाई
स्थानीय जलवायु के अनुसार बुवाई का सही समय चुनें ताकि फसल का अधिकतम उत्पादन हो सके।
उर्वरक और पोषण प्रबंधन
फसल को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्वों की सही मात्रा में आपूर्ति करें।
कीट और रोग नियंत्रण
नियमित रूप से जैविक कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का छिड़काव करें ताकि फसल सुरक्षित रहे।
सिंचाई का सही प्रबंधन
पानी की जरूरत के अनुसार ड्रिप इरिगेशन अपनाएं और पानी की बचत करें।नामधारी NS 524 वैरायटी के फायदेजल्दी पकने वाली किस्म
यह किस्म 70-75 दिन में फसल तैयार कर देती है।
बेहतर गुणवत्ता
लाल रंग, गोल आकार और बेहतरीन स्वाद के कारण इसकी बाजार में अच्छी मांग होती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता
यह किस्म टोमैटो लीफ कर्ल वायरस और बैक्टीरियल विल्ट जैसी बीमारियों से सुरक्षित रहती है।
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
कम लागत में उच्च उत्पादन होने से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है।
अशोक कुमार की सफलता से सीख लेकर अन्य किसान भी कर सकते हैं टमाटर की खेतीटमाटर की खेती में आधुनिक तकनीकें अपनाकर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
सही समय पर सिंचाई, पोषण और कीट नियंत्रण से फसल की गुणवत्ता और मात्रा बेहतर हो सकती है।
नामधारी NS 524 जैसी उच्च उत्पादकता वाली किस्मों का चयन करने से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा मिल सकता है।निष्कर्षगोंडा जिले के किसान अशोक कुमार मौर्य ने पारंपरिक खेती छोड़कर टमाटर की खेती में सफलता पाई और नामधारी NS 524 वैरायटी से लाखों रुपये का मुनाफा कमाया। उन्होंने आधुनिक तकनीकें अपनाकर फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बेहतर बनाया। अगर अन्य किसान भी टमाटर की खेती में आधुनिक तकनीक और सही किस्म का चयन करें तो वे भी कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। Click Here
अशोक कुमार की सफलता से सीख लेकर अन्य किसान भी कर सकते हैं टमाटर की खेती
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टमाटर की खेती में आधुनिक तकनीकें अपनाकर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
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सही समय पर सिंचाई, पोषण और कीट नियंत्रण से फसल की गुणवत्ता और मात्रा बेहतर हो सकती है।
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नामधारी NS 524 जैसी उच्च उत्पादकता वाली किस्मों का चयन करने से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा मिल सकता है।
