मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए इंदौर, धार जैसे दूरदराज के जिलों की मंडियों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। खरगोन में ही, आनंद नगर स्थित कपास मंडी में अब डॉलर चने की खरीदी की जाएगी। इससे न सिर्फ किसानों को समय और पैसा बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि वे अपनी फसल को उचित दाम पर बेचने में भी सक्षम होंगे।
खरगोन की कृषि स्थिति और डॉलर चने की अहमियत
खरगोन जिले की अधिकांश अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। यहां पर कपास का उत्पादन प्रदेश में सबसे ज्यादा होता है, जबकि रबी सीजन में किसानों द्वारा चने की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। लेकिन, पिछले कई सालों से खरगोन के किसानों को अपनी चना की उपज बेचने के लिए इंदौर, धार, सनावद जैसे अन्य जिलों की मंडियों में जाना पड़ता था, जिससे उन्हें अतिरिक्त समय और पैसा खर्च करना पड़ता था। इन मंडियों में चने की खरीदी की प्रक्रिया में भी कई बार समस्याएं आती थीं, जैसे उपज का उचित मूल्य न मिलना और यात्रा में अधिक खर्च होना।
किसान अपनी उपज बेचने के लिए क्यों थे मजबूर?
खरगोन जिले में चने की खरीदी के लिए कोई उचित सुविधा नहीं थी, जिसकी वजह से किसानों को अपनी फसल को अन्य जिलों में ले जाकर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता था। इन जिलों में जाने के लिए उन्हें उपज लेकर लंबे रास्तों पर यात्रा करनी पड़ती थी, साथ ही अतिरिक्त भाड़े का भुगतान भी करना पड़ता था। अक्सर यह होता था कि उन्हें अपनी फसल का सही मूल्य नहीं मिलता, या फिर व्यापारी इसे अधिक कम कीमत पर खरीद लेते थे, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था।
खरगोन के व्यापारी संगठनों का अहम फैसला
किसानों की इस समस्या को हल करने के लिए खरगोन के मंडी व्यापारियों ने बैठक की और एक अहम निर्णय लिया। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब खरगोन में ही डॉलर चने की खरीदी होगी, जिससे किसानों को अपने जिले में ही अपने उत्पाद को बेचने की सुविधा मिल सके। कपास मंडी में डॉलर चने की खरीदी की जाएगी, जो अब तक अनाज मंडी में होती थी। मंडी व्यापारियों के मुताबिक, जल्द ही डॉलर चने की खरीदी का मुहूर्त तय किया जाएगा, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके और उन्हें यात्रा के लिए भाड़ा खर्च करने से छुटकारा मिले।
पांच साल बाद फिर से डॉलर चने की खरीदी शुरू
दिलचस्प बात यह है कि पांच साल पहले भी खरगोन में डॉलर चने की खरीदी का मुहूर्त किया गया था, लेकिन उस समय मंडी व्यापारियों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई, जिसके कारण यह योजना बंद हो गई थी। परिणामस्वरूप, किसानों को अपनी फसल इंदौर, धार और सनावद जैसे पड़ोसी जिलों की मंडियों में ले जाकर बेचनी पड़ी। इन मंडियों में जाने के लिए उन्हें अतिरिक्त भाड़ा देना पड़ता था और कई बार उपज का उचित दाम भी नहीं मिल पाता था।
डॉलर चने की खरीदी पर व्यापारियों की चिंता
डॉलर चने की खरीददारी में व्यापारियों की रुचि कम होने का कारण इसके भाव में उतार-चढ़ाव को बताया गया था। डॉलर चने के भाव में बहुत तेजी और गिरावट आती रहती है, जिससे व्यापारी इसमें ज्यादा निवेश करने में रुचि नहीं दिखाते थे। इसके अलावा, इंदौर के व्यापारी डॉलर चने के मुख्य आपूर्तिकर्ता होते थे, जिससे स्थानीय व्यापारियों की सक्रियता कम थी। लेकिन अब, व्यापारियों के बीच हुई बैठक में इस साल से डॉलर चने की खरीदी फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए राहत मिलेगी।
आने वाले दिनों में डॉलर चने की आवक में बढ़ोतरी की उम्मीद
आनंद नगर स्थित कपास मंडी में डॉलर चने की खरीदी का शुभारंभ होते ही उम्मीद जताई जा रही है कि डॉलर चने की आवक में तेजी आएगी। वर्तमान में खरगोन की अनाज मंडी में देशी चने की खरीदी जारी है, जिसमें चने का भाव 5100 से 5400 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहा है। हालांकि, डॉलर चने की आवक नहीं हो रही है, लेकिन जैसे ही कपास मंडी में इसका कारोबार शुरू होगा, डॉलर चने की आवक में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
किसानों को मिलेगा राहत और कम होगा भाड़े का बोझ
खरगोन जिले में डॉलर चने की खरीदी की शुरुआत से किसानों को कई प्रकार की राहत मिलेगी। सबसे बड़ी राहत यह है कि अब उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे उनका समय और पैसा दोनों बचेंगे। वे अपनी फसल को स्थानीय मंडी में बेच सकेंगे, जिससे उन्हें उचित दाम मिलना आसान होगा। इसके अलावा, उन्हें यात्रा के लिए भाड़ा भी नहीं देना पड़ेगा, जो कि उनके लिए एक बड़ा बोझ था।
किसानों के लिए संभावित लाभ
- समय की बचत: किसानों को अब अपनी उपज बेचने के लिए दूर-दराज के जिलों में जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे उनका समय बचेगा।
- कम खर्च: यात्रा पर होने वाले अतिरिक्त भाड़े की बचत होगी, जिससे किसानों का खर्च कम होगा।
- उचित मूल्य: स्थानीय मंडी में डॉलर चने की खरीदी होने से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने की संभावना है।
- किसानों को मिलेगा बढ़ावा: इस फैसले से स्थानीय व्यापारियों की सक्रियता बढ़ेगी और किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक सही मंच मिलेगा।
निष्कर्ष:
खरगोन के किसानों के लिए यह कदम एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है। इससे न सिर्फ उनका समय और पैसा बचेगा, बल्कि उन्हें अपनी उपज का सही दाम भी मिलेगा। स्थानीय मंडी में डॉलर चने की खरीदी की शुरुआत से किसानों को बड़ा लाभ हो सकता है, और यह खरगोन जिले की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।
