गुरुग्राम (Gurgaon) के रहने वाले अक्षय राव की सफलता की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है, जो खेती को केवल पारंपरिक दृष्टिकोण से देखते हैं। उन्होंने 2016 में एक साहसिक कदम उठाया और आईटी सेक्टर में मिल रहे लाखों रुपये के पैकेज को छोड़कर जैविक खेती करने का निर्णय लिया। आज वह न सिर्फ सफल जैविक किसान बन चुके हैं, बल्कि अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से लाखों रुपये कमा रहे हैं। इस यात्रा में उनके द्वारा किए गए संघर्ष, तकनीक और नवाचार ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।
आईटी से कृषि की ओर एक साहसिक कदम
अक्षय राव का जीवन एक प्रेरणा है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए जोखिम उठाना जरूरी है। वह पहले एक आईटी कंपनी में काम करते थे, जहां उन्हें लाखों रुपये का पैकेज मिलता था। लेकिन उनका मन हमेशा कुछ अलग करने की इच्छा से भरा हुआ था। उन्होंने यह महसूस किया कि उन्हें केवल कॉर्पोरेट दुनिया तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। वह चाहते थे कि वह कुछ ऐसा करें जो न केवल उनके लिए, बल्कि समाज के लिए भी फायदेमंद हो।
2016 में, अक्षय ने आईटी कंपनी का शानदार करियर छोड़ दिया और खेती करने का फैसला लिया। लेकिन एक चुनौती यह थी कि उनके पास खुद की जमीन नहीं थी। इस निर्णय को आसान नहीं कहा जा सकता था, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और किराए पर जमीन लेकर जैविक खेती की शुरुआत की।
जैविक खेती की शुरुआत: एक लंबा रास्ता
अक्षय राव ने जैविक खेती की शुरुआत से पहले लगभग एक साल तक खेतों को खाली रखा था। इसका कारण यह था कि वह चाहते थे कि जमीन में रासायनिक तत्वों की मात्रा कम हो और वह जैविक खेती के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हो जाए। उन्होंने यह महसूस किया कि यदि वह स्वस्थ खाना उगाना चाहते हैं, तो उन्हें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों से बचना होगा। अक्षय का लक्ष्य था कि वह न सिर्फ अपने परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी स्वस्थ और जैविक उत्पाद उगाएं।
इसके बाद, उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लिया और कई प्रगतिशील किसानों के फार्मों का दौरा किया। इससे उन्हें खेती के बारे में गहरी जानकारी मिली और वह अपने निर्णय पर पूरी तरह से अडिग रहे।
प्रारंभिक संघर्ष और सर्टिफाइड जैविक फार्म
अक्षय राव ने जैविक खेती की शुरुआत ब्रोकली की खेती से की थी, लेकिन शुरुआत में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्हें पर्याप्त अनुभव नहीं था, जिससे पहले साल में उन्हें नुकसान हुआ। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी गलतियों से सीखा। धीरे-धीरे, उन्होंने खेती के विभिन्न पहलुओं को समझा और इसे बेहतर बनाने के लिए नई तकनीकियां अपनाईं।
अब, अक्षय राव के पास पांच एकड़ का सर्टिफाइड जैविक फार्म है, जहां वह सीजनल सब्जियों की खेती करते हैं। उनका फार्म अब पूरी तरह से जैविक है और उन्होंने इस पर कई प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया है, जैसे चुकंदर, ब्रोकली, गोभी, पत्तागोभी, मटर, लैटिस, आलू, प्याज, शलजम, काला गाजर, लाल गाजर, मेंथी, पालक और धनिया। साथ ही, वह गेहूं, बाजरा, जौ, सरसों और मूंगफली की भी खेती करते हैं।
तेजस ऑर्गेनिक: ब्रांड की पहचान
अक्षय राव ने अपने उत्पादों को एक ब्रांड का रूप दिया, जिसे उन्होंने “तेजस ऑर्गेनिक” नाम दिया। उनका लक्ष्य था कि उनके उत्पाद हर किसी तक आसानी से पहुंच सकें और कोई भी ग्राहक बिना किसी परेशानी के जैविक उत्पाद खरीद सके। उनके उत्पाद, जैसे सब्जियां, 100 रुपये प्रति किलो से कम की कीमत पर बिकती हैं। यह कीमत न केवल आम लोगों के लिए सस्ती है, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाली जैविक सब्जियां भी उपलब्ध हो रही हैं।
उनके उत्पादों की मांग इतनी अधिक है कि कुछ सब्जियां उनके फार्म पर ही बिक जाती हैं, और कुछ को गुरुग्राम और आसपास के क्षेत्रों में ग्राहकों के घरों तक पहुंचाया जाता है। इसने उन्हें व्यवसाय में निरंतर वृद्धि दी है।
नवीनतम तकनीक का उपयोग: सिंचाई और उत्पादन में उत्कृष्टता
अक्षय राव खेती में नवाचार को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने अपनी फसलों को सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर तकनीक का उपयोग किया है। यह तकनीक न केवल पानी की बचत करती है, बल्कि समय और खर्च में भी कमी करती है। इसके परिणामस्वरूप, उनकी फसलों की उपज और गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।
इसके अलावा, वह अपने खेतों में जैविक खाद और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं, जैसे गोबर खाद, नीम के पत्तों से बने जैविक कीटनाशक, लस्सी और छाछ से बने उत्पाद, जीवा अमृत और घन जीवा अमृत। इन प्राकृतिक उपायों से वह अपने उत्पादों को पूरी तरह से रासायनिक मुक्त रखते हैं, जिससे उनकी सब्जियों की गुणवत्ता और उनकी बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है।
समाज को प्रेरणा देने वाली कहानी
अक्षय राव की सफलता की कहानी उन युवा किसानों के लिए प्रेरणा है जो कृषि क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं, लेकिन यह सोचते हैं कि क्या वह सफल हो पाएंगे। अक्षय ने साबित कर दिया कि यदि आप मेहनत और स्मार्ट काम करने की इच्छा रखते हैं, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
उनकी कहानी यह भी दिखाती है कि कैसे आधुनिक तकनीक और नवाचार को अपनाकर खेती को अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनाया जा सकता है। अक्षय राव ने न केवल खुद को सफल बनाया, बल्कि वह एक प्रेरणा बने हैं उन सभी किसानों के लिए जो खेती में नए अवसरों और संभावनाओं की तलाश में हैं।
Conclusion
अक्षय राव की सफलता एक मजबूत संदेश देती है कि अगर व्यक्ति सही दिशा में मेहनत करता है, तो वह किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने अपने जैविक फार्म के माध्यम से न सिर्फ अच्छा मुनाफा कमाया, बल्कि यह भी साबित किया कि कृषि को एक लाभकारी और सम्मानजनक पेशा बनाया जा सकता है। जैविक खेती, उचित तकनीक और सही दृष्टिकोण से खेती को नया रूप दिया जा सकता है, जैसा कि अक्षय राव की सफलता की कहानी से पता चलता है।