छतों पर सब्जी की खेती
आज के समय में घर की छत पर सब्जियों को उगाना कोई नया फैशन नहीं है, बल्कि यह आज के समय की जरूरत हो गई है। बढ़ते शहरीकरण और खेती के घटते रकबे के कारण भूमि की कमी एक महत्वपूर्ण समस्या बन चुकी है। पिछले कुछ दशकों में शहरीकरण ने खेती के लिए जमीन का उपयोग बेहद सीमित कर दिया है, जिससे यह एक गंभीर समस्या बन गई है। इसके चलते, आज छत पर खेती करने का चलन बढ़ता ही जा रहा है। यह न केवल घरों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां मुहैया कराता है, बल्कि पर्यावरण को भी बेहतर बनाने में योगदान देता है। आप भी अपने घर की छत पर आसानी से रासायनमुक्त और पौष्टिक तत्वों से भरपूर सब्जियों को उगा सकते हैं। ऐसा ही कमाल छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में किया जा रहा है, जहां लोग कम लागत में जैविक खेती कर रहे हैं और इससे उन्हें काफी फायदा भी हो रहा है।
छत पर उग रही हैं सब्ज़ियां
छत्तीसगढ़ के रामगुलाल सिन्हा और व्यासनारायण चतुर्वेदी अपने घर की छत पर ही सब्जी उगाने का कार्य कर रहे हैं। रामगुलाल की छत किसी प्रयोगशाला से कम नहीं है। उन्होंने अपनी छत पर 18 वैरायटी के टमाटर, 22 तरह के बैंगन, 12 तरह की सेम, 21 प्रकार की मिर्च, लौकी और कई अन्य प्रकार की सब्जियां उगाई हैं। इन सब्जियों को उगाकर वह अच्छे खासे मुनाफे की कमाई कर रहे हैं। यह पहल न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है। उनके द्वारा अपनाई गई इस तकनीक से यह साबित होता है कि घर की छत पर भी उपजाऊ और पौष्टिक सब्जियां उगाई जा सकती हैं, जो न केवल शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी हो सकती हैं।
छत पर खेती के लिए कर रहे हैं जागरूकता फैलाना
आजकल छत को टेरेस गार्डन और सब्जी गार्डन बनाने का चलन बहुत बढ़ गया है। कुछ समाजसेवी संस्थाएं इस कार्य को करने के लिए तेजी से लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं। छत्तीसगढ़ के रामगुलाल सिन्हा अपनी छत पर उगने वाली सब्जियों के बीज दूसरों को निशुल्क देते हैं। इसके माध्यम से वे छत पर खेती करने के फायदे और इसे कैसे शुरू किया जा सकता है, इस पर लोगों को जानकारी दे रहे हैं। वहीं रायपुर की पुष्पा साहू अपनी पुस्तकों और किसान मेलों के माध्यम से लोगों को ग्रीन होम और क्लीन होम के लिए प्रेरित करने का काम कर रही हैं। उनका मानना है कि ग्रीन होम बनाने से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह पर्यावरण को भी शुद्ध करता है।
यह पहल शहरों में रहने वाले लोगों के बीच छत पर खेती के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है। समाज में इस बारे में चर्चा हो रही है और अब लोग भी अपनी छतों पर सब्जी उगाने के बारे में सोचने लगे हैं। इससे यह साबित हो रहा है कि शहरी जीवन में भी हरियाली और जैविक खेती को अपनाया जा सकता है, जो हर दृष्टि से फायदेमंद साबित हो सकता है।
सरकार भी कर रही है मदद
छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। सरकार ने प्रदेश के पांच सबसे बड़े शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़ और अंबिकापुर में छत पर खेती करने के लिए लोगों को सब्सिडी उपलब्ध करवाने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य है कि लोग आसानी से आवश्यक उपकरण और सामग्री खरीद सकें और अपने घर की छत पर खेती करने के लिए सक्षम हों। यह पहल निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के शहरी इलाकों में जैविक खेती को बढ़ावा देने में मदद करेगी और इससे लोगों को बेहतर, रासायनमुक्त और ताजगी से भरपूर सब्जियां मिल सकेंगी। इसके अलावा, इस प्रकार की खेती से किसानों के अतिरिक्त आय के साधन भी मिल सकते हैं।
छत पर सब्जियों की खेती से पर्यावरण में सुधार
छत पर सब्जियों की खेती केवल पोषण के दृष्टिकोण से ही फायदेमंद नहीं होती, बल्कि यह पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव डालती है। जब घर की छत पर पौधे और सब्जियां उगती हैं, तो यह आसपास के वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा देती है। इसके अलावा, यह हवा में मौजूद प्रदूषकों को भी अवशोषित करने में मदद करती है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है। छत पर हरियाली का होना न केवल मन को शांति देता है, बल्कि यह आस-पास के पर्यावरण को भी साफ और ताजगी से भर देता है।
साथ ही, यह घर के अंदर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब छत पर हरे पौधे उगते हैं, तो वे गर्मी को अवशोषित करके घर के तापमान को कम करते हैं, जिससे एयर कंडीशनर या पंखे की जरूरत भी कम होती है। यह परिवारों को ऊर्जा की बचत करने का एक अवसर देता है और साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में योगदान करता है।
Conclusion:
छत्तीसगढ़ में छतों पर सब्जी की खेती एक नया आयाम ले रही है, जो न केवल शहरीकरण की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है, बल्कि यह एक स्वस्थ और स्वच्छ जीवन के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रही है। राज्य सरकार की मदद और समाजिक जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोग इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। छतों पर उगाई जाने वाली जैविक सब्जियां न केवल परिवार के लिए सेहतमंद होती हैं, बल्कि पूरे समुदाय और पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित हो सकती हैं। अब, समय आ गया है कि हर घर में एक हरा-भरा गार्डन हो, जो न केवल घरवालों के लिए, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक बदलाव का कारण बने।