बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के कोहकाडीबर गांव की संजु नगपुरे, जिन्हें अब “ड्रोन दीदी” के नाम से जाना जाता है, महिला सशक्तिकरण और कृषि में नवाचार के बेहतरीन उदाहरण बन चुकी हैं। अपनी मेहनत और उत्साह से उन्होंने जैविक खेती की मास्टर ट्रेनर के रूप में पहचान बनाई और अब ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग लेकर किसानों के लिए नई राह खोल दी है। उनका यह सफर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि क्षेत्र में तकनीकी बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
2017 में शुरू हुआ संजु का कृषि सफर
संजु नगपुरे का कृषि से जुड़ाव बहुत पुराना नहीं था। वर्ष 2017 में उन्होंने कृषि सखी के तौर पर अपने सफर की शुरुआत की। तब से लेकर आज तक, संजु ने जैविक खेती के क्षेत्र में नई उम्मीदें जगाई हैं। वह खुद भी खेती के विभिन्न पहलुओं को समझने और सीखने में लगी रहीं। इसके लिए उन्होंने इंदौर और उत्तर प्रदेश जैसे जगहों पर जाकर कृषि प्रशिक्षण लिया और इसे अपनी खेती में लागू किया। इस दौरान, उन्होंने न सिर्फ खुद को प्रशिक्षित किया, बल्कि अन्य किसानों को भी जैविक खेती के महत्व और तकनीकों के बारे में बताया।
संजु नगपुरे का कहना है कि, “जैविक खेती न सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि किसानों की आय को भी स्थिर बनाती है।” इस विचार को फैलाने के लिए उन्होंने अपनी ट्रेनिंग में महिलाओं को प्राथमिकता दी। अब तक उन्होंने 1300 से अधिक महिलाओं को जैविक खेती के बारे में जानकारी दी और उन्हें इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रशिक्षित किया। संजु का उद्देश्य है कि महिलाएं अपने गांवों में आत्मनिर्भर बनें और कृषि से जुड़ी नई तकनीकों का इस्तेमाल करें।
जैविक खेती में मास्टर ट्रेनर बनने के बाद की यात्रा
संजु ने अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाई और अब जैविक खेती में मास्टर ट्रेनर बन चुकी हैं। उनका यह सफर उन किसानों के लिए प्रेरणा बन चुका है, जो पारंपरिक तरीकों से खेती करते आ रहे थे। संजु ने बताया कि कृषि सखी बनने के बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग का विस्तार किया और विभिन्न गांवों में जाकर किसानों को जैविक खेती के फायदों के बारे में बताया। उनकी ट्रेनिंग के बाद कई किसान जैविक खेती को अपनाने लगे, जिससे उनकी उपज में भी वृद्धि हुई और पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ा।
2024 में ड्रोन पायलट बनीं संजु नगपुरे
वर्ष 2024 में संजु ने एक नई दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग ली और अब वह एक ड्रोन पायलट भी बन चुकी हैं। यह कदम संजु के लिए एक नई शुरुआत थी, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा को सशक्त बना रहा था, बल्कि किसानों के लिए भी एक नई तकनीकी क्रांति का हिस्सा बन रहा था। ड्रोन की मदद से कृषि कार्यों को तेज और प्रभावी बनाया जा सकता है, जैसे कि फसल पर कीटनाशक और उर्वरक का छिड़काव, खेतों की निगरानी और फसल का आंकलन करना।
इस उपलब्धि के लिए उन्हें भारत सरकार के उर्वरक विभाग से पुरस्कार भी मिला। अब वह “ड्रोन दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। संजु के अनुसार, “ड्रोन तकनीक ने कृषि में एक नई संभावना खोल दी है। यह न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह कृषि में दक्षता और उत्पादकता को बढ़ाता है।” संजु अब ड्रोन के माध्यम से किसानों को उन्नत खेती के बारे में प्रशिक्षित कर रही हैं, जिससे वे अपने खेतों में तकनीकी बदलाव ला सकते हैं।
डिजिटल फार्म स्कूल से जुड़कर किसानों की मदद
संजु नगपुरे “सरस्वती” महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं, और साथ ही वह रिलायंस फाउंडेशन के डिजिटल फार्म स्कूल (डीएफएस) से भी जुड़ी हैं। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वह किसानों को कृषि विशेषज्ञों से जोड़ने, उन्नत खेती की जानकारी देने और सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान कर रही हैं। डिजिटल फार्म स्कूल का उद्देश्य किसानों को कृषि से जुड़े नए तरीकों और तकनीकों के बारे में जागरूक करना है।
संजु इस प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनकर किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उनके खेतों की समस्याओं का समाधान भी देती हैं। उनका मानना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को समय पर और सही जानकारी मिल सकती है, जो उनकी उत्पादकता और आय को बढ़ाने में सहायक होगी।
महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल
संजु नगपुरे न केवल एक बेहतरीन कृषि विशेषज्ञ हैं, बल्कि उन्होंने महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल भी प्रस्तुत की है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि कैसे महिलाएं किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं, बशर्ते उन्हें सही अवसर और मार्गदर्शन मिले। संजु का यह सफर उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो खुद को किसी क्षेत्र में स्थापित करने की सोच रही हैं।
संजु का कहना है, “महिलाओं को अपनी ताकत पहचाननी चाहिए। अगर हम चाहे तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।” संजु ने यह साबित कर दिया कि अगर आत्मविश्वास हो और सही दिशा में मेहनत की जाए तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
गणतंत्र दिवस पर मिली विशेष मान्यता
संजु नगपुरे को 26 जनवरी, 2024 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। यह न केवल उनके कार्य की सराहना थी, बल्कि यह उनके संघर्ष और सफलता की भी पहचान थी। इस सम्मान ने उनकी मेहनत को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाया और उन्हें और अधिक प्रेरित किया।